अधीन भारत स्वाधीन भारत
• शोषक कोट वाले थे| • अब शोषक कुरते वाले है|
• विदेशी लुटेरे और अंग्रेज देश • अब धन विदेश भारतीयों
का धन विदेश भेजते थे| द्वारा भेजा जा रहा है|
• समय जगादारी प्रथा थी. • अब ठेकेदारी प्रथा है|
•हम शाररिक रूप से गुलाम थे. • अब शाररिक तथा मानसिक
दोनों रूप से गुलाम है|
•क्षेत्रवाद ,भाषावाद तथा • क्षेत्रवाद,भाषावाद (उदहारण:-
जातिवाद इत्यादि! राज्यों का विभाजन) आरक्षण
जाति वाद का ही विकसित
रूप है|
•उस समय आर्थिक स्थिति • आज 65 साल बाद भी
कमजोर थी. स्थिति वही बनी हुई है|
•भारतीयों में एकता कि भावना • अब जातिवाद आधारित
•भारतीयों में एकता कि भावना • अब जातिवाद आधारित
थी. राजनीती से एकत खंडित
हो गई है|
- आज भी हमारे देश में हर घंटे एक किसान आत्म-हत्या करता है|
- आज भी हमारे देश में 84 करोड़ लोगो कि रोज कि आय 20 रूपए से भी कम है|
- आज भी हमारे देश में एक कटोरी चावल के लिए लोग अपनी माँ -बहन-बेटी-बीवी को दुसरो के साथ दुष्कर्म करने के लिए भेजते है क्योंकि उन से पूछो गरीबी क्या होती है|
- आज भी हमारे देश में 2000-3000 रुपे में लड़कियाँ जीवन भर के लिए बिकती है|
- आज भी हमारे देश में गरीब इंसान कि जिंदगी जानवरों से भी बत्तर है|
- आज भी हमारे देश में जो स्कीम बनती है उसे अमीर और अमीर होता है गरीब और गरीब|
- आज अपने ही देश में लोग अपने घर से बेघर कर दिए जाते है, और अपने देश में भगोड़ो की जिंदगी जी रहे है|(उद्धरण :-कश्मीरी हिन्दू )
- बे-लगाम आतंकी हमले और नक्सलवाद|
- बढते अपराध और फेल क़ानूनी वयस्था (अपराधी बेखोफ अपराध करते है और आसानी से कानून के शिकंजे से छुट जाते है क्योकि वो मान्य मंत्री जी होते है या मान्य मंत्री जी के चमचे या मंत्री जी के फाईनेन्सर होते है जो उन्हें चुनाव के वक्त फाईनेन्स करते है| इस कारण रोज जेसिका और भवरी जैसी हज़ारो लडकिया जुर्म का शिकार बनती है)
- अपराधियो के साथ भेद-भाव| (सजा देने मे भी असमानता, उदहारण:- धनञ्जय चटर्जी को फाँसी दे दी गयी पर निठारी कांड के अभियुक्त दानव के साथ क्या किया गया| जेसिका लाल हत्याकांड हो या उज्जैन की विदेसी युवती के साथ बलात्कार की घटनाये ,ऐसे बहुत से उदहारण है जहाँ पर सरकार,न्यायालय और पुलिस इतनी सख्त नहीं हुई थी जितनी की धननंजय चटर्जी के वक़्त हुई थी)
- सर्वोच्य अदालत के फैसले के बावजूद आतंकी अफजल गुरु और कसाब को फांसी नहीं दि गयी| और तो और उसे बचने की भी कोशिस की गयी चन्द फायदे के लिए सतारूढ़ दल द्वारा|
- आज भी हमारे देश में हमारे वोट सही जीते हुए नेता जो हमारे सेवक है वही हमारी बातें नहीं सुनते और हमारा शोषण करते है|
- बदती बेरोजगारी और गरीबी|
- कमरतोड़ महंगाई|
"हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं , मेरी कोसिस है ये सूरत बदलनी चाहिए
मेरे सेने में नही तो तेरे सेने में हे सही , हो कंही भी ये आग जलनी चाहिए"
मेरे सेने में नही तो तेरे सेने में हे सही , हो कंही भी ये आग जलनी चाहिए"
INDIAN POWER YOUTH
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